जो नरजीवे खेले फाग

पहाड़ की होलियों का सामाजिक व सांस्कृतिक परिदृश्य कई मायनों में देश के अन्य प्रान्तों व इलाकों से अलग दिखायी देता है। दरअसल पहाड़ में होने वाली होलियां स्थानीय प्रकृति समाज के साथ बहुत गहराई के साथ जुड़ी हुई हैं। यहां की होलियों में स्थानीय लोक सम्पूर्णता के साथ समाहित है। हांलाकि यहां प्रचलित...

विष्णु के वाहन हैं गरुड़

भगवान विष्णु के साथ अनिवार्य रूप से रहने वाले पक्षीराज गरूड़ का उल्लेख ऋग्वेद में सुपर्णा गरूत्मान के नाम से हुआ है। सूर्यदेव के सारथी अरूण के छोटे भाई , विनीता तथा कश्यप ऋषि की संतान गरुड़ विष्णु के वाहन हैं। कला में इनका अंकन प्राचीन काल से ही होता चला आया है। उनको मस्तिष्क का प्रतीक माना गया है...

शिखरों के लोक में बसन्त

भारतीय संस्कृति में नदी, पहाड़, पेड़-पौंधे पशु-पक्षी, लता व फल-फूलों के साथ मानव का साहचर्य और उनके प्रति संवेदनशीलता का भाव हमेशा से रहा है। प्रकृति और मानव के इस अलौकिक सम्बन्ध को स्थानीय लोक ने समय-समय पर गीत, संगीत और कथाओं के माध्यम से समाज तक पहुंचाने का कार्य किया है। उत्तराखण्ड के कई...

ऐतिहासिक है अल्मोड़ा का शै भैरव मंदिर

शिव रूप भैरव रक्षक देवता हैं। भारत वर्ष के अनेक किलों में उनकी स्थापना गढ़ के रक्षक के रूप में की गई है। अल्मोड़ा नगर में भी रक्षक देवता के रूप में उनकी स्थापना नगर के प्रमुख स्थानों में अष्ट भैरव रूप में की गई थी। अल्मोड़ा में अष्ट भैरव मंदिरों की स्थापना का सम्बन्ध चंद शासक उद्योत चंद (1678-98)...

उत्तराखंड के पुरातत्व की गौरव गाथा

मनीषियों द्वारा प्रतिपादित हिमालय के पांच भागों नेपाल, कूर्मांचल, केदार, जलंधर तथा कश्मीर में से दो केदार तथा कूर्मांचल को मिलाकर ही वर्तमान का उत्तरांचल राज्य बना है। पी0 बैरन ने वांडरिंग्स इन द हिमाल में इस पर्वतीय क्षेत्र को हिन्दुओं का यरूशलम तथा पैलेस्टाइन माना है। उत्तराखंड भौगोलिक दृष्टि से...

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