अल्मोड़ा की नंदादेवी और उनकी विरासत

उत्तराखंड की देवभूमि में नंदादेवी केवल एक देवी नहीं, बल्कि समूचे उत्तरांचल की सामूहिक एकरूपता का भी एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक हैं। अल्मोड़ा स्थित नंदादेवी मंदिर आज जिस श्रद्धा और सम्मान का केंद्र है, उसका इतिहास सदियों पुराना और कई सांस्कृतिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। Himvan नंदादेवी की...

   अल्मोड़ा नन्दादेवी मेले में नन्दा की पूजा एवं तन्त्र

ज्योतिष, तन्त्र और मन्त्र ये ऐसी तीन विद्यायें हैं, जिससे उत्तराखण्ड का जनजीवन और लोक संस्कृति काफी प्रभावित रही है। कत्यूरी और चन्द राजा तन्त्र विद्या में पारंगत माने जाते थे। देवी की पूजा युद्ध देवी के रूप में करने की परम्परा कत्यूरी और चन्दकाल में काफी प्रचलित रही है। देवीशक्ति पूजा हेतु अभी भी...

नंदादेवी राजजात कुमाऊँ-2000

नंदा राजजात की परम्परा कुमाऊँ में किस तरहसे प्रारम्भ हुई इस विषय में इतिहास मौन है। नंदादेवी सम्भ्वतः कत्यूरी नरेशों की भी ईष्ट देवी थी। कत्यूरी नरेश ललितशूरदेव के ई.853 के ताम्रपत्र में वंश शाखा संस्थापक निंबर को नंदादेवी के चरण की शोभा से धन्य होना कहा गया है-भूपाल ललित कीर्ति: नंदाभगवती...

ऐतिहासिक है अल्मोड़ा का रामशिला मंदिर

अल्मोड़ा नगर के अति प्राचीन देवालयों में रामशिला मंदिर का स्थान पहला है। अल्मोड़ा की बसासत के दूसरे चरण के अन्तर्गत राजा रूद्रचंद के कार्यकाल में वर्ष 1588-89 में एक नये अष्ट पहल राजनिवास का निर्माण नगर के मध्य में करवाया गया था जो मल्ला महल कहलाता था। इसी मल्ला महल के केन्द्र में रामशिला मंदिर...

नन्दादेवी मंदिर-अल्मोड़ा

नन्दादेवी परिसर में तीन देवालय विद्यमान हैं । इनमें से दो मंदिर उद्योतचन्देश्वर तथा पार्वतेश्वर मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से पुराविदों एवं स्थापत्य में रुचि रखने वालों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बने हैं । तीसरा देवालय जिसमें नन्दादेवी की प्रतिमाओं को स्थापित लिया गया है बाद की संरचना है ।...

श्रेणी: नंदा देवी

हिमवान » नंदा देवी

Information about Shri Nanda Devi, who is the daughter of Himalayas and is worshipped across Uttarakhand. There are many temples across Uttarakhand devoted to her.

अल्मोड़ा की नंदादेवी और उनकी विरासत

उत्तराखंड की देवभूमि में नंदादेवी केवल एक देवी नहीं, बल्कि समूचे उत्तरांचल की सामूहिक एकरूपता का भी एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक हैं। अल्मोड़ा स्थित नंदादेवी मंदिर आज जिस श्रद्धा और सम्मान का केंद्र है, उसका इतिहास...

   अल्मोड़ा नन्दादेवी मेले में नन्दा की पूजा एवं तन्त्र

ज्योतिष, तन्त्र और मन्त्र ये ऐसी तीन विद्यायें हैं, जिससे उत्तराखण्ड का जनजीवन और लोक संस्कृति काफी प्रभावित रही है। कत्यूरी और चन्द राजा तन्त्र विद्या में पारंगत माने जाते थे। देवी की पूजा युद्ध देवी के रूप में करने की...

नंदादेवी राजजात कुमाऊँ-2000

नंदा राजजात की परम्परा कुमाऊँ में किस तरहसे प्रारम्भ हुई इस विषय में इतिहास मौन है। नंदादेवी सम्भ्वतः कत्यूरी नरेशों की भी ईष्ट देवी थी। कत्यूरी नरेश ललितशूरदेव के ई.853 के ताम्रपत्र में वंश शाखा संस्थापक निंबर को...

ऐतिहासिक है अल्मोड़ा का रामशिला मंदिर

अल्मोड़ा नगर के अति प्राचीन देवालयों में रामशिला मंदिर का स्थान पहला है। अल्मोड़ा की बसासत के दूसरे चरण के अन्तर्गत राजा रूद्रचंद के कार्यकाल में वर्ष 1588-89 में एक नये अष्ट पहल राजनिवास का निर्माण नगर के मध्य में...

नन्दादेवी मंदिर-अल्मोड़ा

नन्दादेवी परिसर में तीन देवालय विद्यमान हैं । इनमें से दो मंदिर उद्योतचन्देश्वर तथा पार्वतेश्वर मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से पुराविदों एवं स्थापत्य में रुचि रखने वालों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बने हैं । तीसरा...

नंदादेवी मेला – अल्मोड़ा

समूचे पर्वतीय क्षेत्र में हिमालय की पुत्री नंदा का बड़ा सम्मान है । उत्तराखंड में भी नंदादेवी के अनेकानेक मंदिर हैं । यहाँ की अनेक नदियाँ, पर्वत श्रंखलायें, पहाड़ और नगर नंदा के नाम पर है । नंदादेवी, नंदाकोट, नंदाभनार...

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