एक हथिया नौला- चम्पावत

चम्पावत-मायावती मार्ग पर ढकना ग्राम में उत्तराखंड का प्रसिद् नौला एक हथिया नौला स्थित है। किंवदन्ती हैं कि जिस कलाकार ने बालेश्वर मंदिर और एक हथिया देवाल बनाये उसी कलाकार का एक हाथ राजा ने अपने दुष्ट सामंतों के कहने पर कटवा दिया। यह कलाकार विपिन्न अंवस्था में अपनी अल्पवयस्क पुत्री को साथ लेकर...

शिल्प की दृष्टि से सिरमौर है स्यूनराकोट का नौला

शोभित सक्सेना अल्मोड़ा जनपद के महत्वपूर्ण नौलों में से स्यूनराकोट का नौला शिल्प की दृष्टि से सिरमौर है। अल्मोडा से कौसानी जाने वाले मार्ग पर कोसी से आगे चल कर पक्की सड़क मुमुछीना गांव तक जाती है जहां से मात्र आधा किमी की दूरी पर पन्थ्यूड़ा ग्राम है। इसी गांव में यह नौला स्थित है। उत्तराभिमुख यह...

कुमाऊँ के नौलेः कला एवं परम्परा

सृष्टि में जीवन की उत्पत्ति का मूल आधार जल है। मानवीय बसासत को बस्ती का रूप देने के लिए नजदीक में जल की निरन्तर उपलब्घता एवं स्वच्छ जल का निरन्तर प्रवाहमान स्त्रोत अनिवार्य तत्व रहा। मानवीय आवास इसीलिए सबसे पहले जल के निकट ही विकसित हुए तथा जल की दुर्लभता से उपलब्धि उसके उत्स को सुऱिक्षत रखने की...

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एक हथिया नौला- चम्पावत

चम्पावत-मायावती मार्ग पर ढकना ग्राम में उत्तराखंड का प्रसिद् नौला एक हथिया नौला स्थित है। किंवदन्ती हैं कि जिस कलाकार ने बालेश्वर मंदिर और एक हथिया देवाल बनाये उसी कलाकार का एक हाथ राजा ने अपने दुष्ट सामंतों के कहने पर...

शिल्प की दृष्टि से सिरमौर है स्यूनराकोट का नौला

शोभित सक्सेना अल्मोड़ा जनपद के महत्वपूर्ण नौलों में से स्यूनराकोट का नौला शिल्प की दृष्टि से सिरमौर है। अल्मोडा से कौसानी जाने वाले मार्ग पर कोसी से आगे चल कर पक्की सड़क मुमुछीना गांव तक जाती है जहां से मात्र आधा किमी...

कुमाऊँ के नौलेः कला एवं परम्परा

सृष्टि में जीवन की उत्पत्ति का मूल आधार जल है। मानवीय बसासत को बस्ती का रूप देने के लिए नजदीक में जल की निरन्तर उपलब्घता एवं स्वच्छ जल का निरन्तर प्रवाहमान स्त्रोत अनिवार्य तत्व रहा। मानवीय आवास इसीलिए सबसे पहले जल के...

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